A Review Of Shiv chaisa
A Review Of Shiv chaisa
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर shiv chalisa in hindi भये विहाला॥
शिव चालीसा Shiv chaisa - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
shiv chalisa in hindi द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र